पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को अपना हिस्सा क्यों मानता है, इसके कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
धार्मिक आधार:
- मुस्लिम बहुल आबादी: जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम बहुल आबादी (लगभग 68%) है। पाकिस्तान का मानना है कि इस क्षेत्र को मुस्लिम बहुल देश के रूप में पाकिस्तान के साथ होना चाहिए।
ऐतिहासिक आधार:
- संप्रभु राज्य: 1947 में भारत के विभाजन से पहले, जम्मू-कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत थी। पाकिस्तान का तर्क है कि तब महाराजा को भारत या पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प दिया गया था, और उन्होंने पाकिस्तान के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
राजनीतिक आधार:
- अपूर्ण भारत-पाकिस्तान विभाजन: पाकिस्तान का मानना है कि भारत-पाकिस्तान विभाजन अधूरा था और जम्मू-कश्मीर का विवाद सुलझाया नहीं गया था।
क्षेत्रीय महत्व:
- रणनीतिक स्थान: जम्मू-कश्मीर का भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए रणनीतिक महत्व है। इस क्षेत्र में पानी के संसाधनों और व्यापार मार्गों तक पहुंच है।
अन्य कारण:
- परोक्ष नियंत्रण: पाकिस्तान का दावा है कि वह जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों को नियंत्रित करता है, जिसे वह "आजाद कश्मीर" कहता है।
- जनमत संग्रह का वादा: संयुक्त राष्ट्र ने जम्मू-कश्मीर के लोगों का जनमत संग्रह कराने का वादा किया था, लेकिन यह अभी तक नहीं हुआ है। पाकिस्तान का मानना है कि जनमत संग्रह से जम्मू-कश्मीर के लोग पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं।
हालांकि, भारत इन सभी तर्कों को खारिज करता है और जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता है।
यह महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे को दोनों देश बातचीत के माध्यम से हल करने का प्रयास करें।
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